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सिंगरौली, विंध्याचल और रिहंद के निर्माण के लिए समय के साथ कुल 13866 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया है। चरण-I और चरण-II के लिए भूमि और पीएपी का विवरण नीचे तालिका में दिया गया है।

क्रम सं. परियोजना परियोजना प्रभावित परिवार/ व्यक्ति अधिगृहीत की गई भूमि (एकड़ में)
      निजी भूमि सरकारी भूमि / वन/जलमग्न भूमि/अन्य कुल
1 सिंगरौली 1755 2313 2440 4753
2 विंध्याचल 3456 4177 1951 6128
3 रिहंद 1313 1934 1051 2985
  कुल 6524 8424 5442 13866

1993 से पूर्व, आर एंड आर पर राज्यों या केंद्र सरकार की ओर से कोई व्यापक नीति नहीं थी। आर एंड आर नीति 1993 में ही तैयार की गई थी, जिसके बाद भूमि विश्व बैंक की निगरानी में आ गई। इसने एनटीपीसी को 1980 में अपने स्वयं के अनुकूलित दिशानिर्देशों की संकल्पना करने से नहीं रोका और इन पथ प्रदर्शक दिशानिर्देशों के आधार पर 1993 तक परियोजना में आर एंड आर क्रियाकलापों को लागू किया गया। हालाँकि यह भूमि 1986 में (1993 से पहले) अधिग्रहित की गई थी, लेकिन 1993 में विश्व बैंक ऋण की बातचीत के समय तक इसे खाली नहीं किया गया था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि एनटीपीसी ने मानवीय आधार पर भूमि जोतने की अनुमति दे दी थी, क्योंकि 1986 में अधिग्रहण के समय भूमि की तत्काल आवश्यकता नहीं थी। इसे सैद्धांतिक रूप से चरण-II के रूप में दर्शाया गया है। कुल 2071 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया गया और 1334 पीएपी प्रभावित हुए और उचित मुआवजे का भुगतान किया गया।

चरण-।। की भूमि और पीएपी की संख्या का ब्यौरा 

क्रम सं. परियोजना परियोजना प्रभावित परिवार/ व्यक्ति अधिगृहीत की गई भूमि (एकड़ में) पीएपी
      निजी भूमि सरकारी भूमि / वन/जलमग्न भूमि कुल पीएपी की संख्या
1 विंध्याचल अमरताली, चुड़चुड़िया, जूड़ी, उसका, देवरीकला, कठुआर, शाहपुर(भाग) 701 706 1407 1152
2 रिहंद मिटिहिनी
खैरी
158 506 664 182
  कुल   859 1212 2071 1334
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